सोशल मीडिया और युवा पीढ़ी: एक दोधारी तलवार
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सोशल मीडिया और युवा पीढ़ी: एक दोधारी तलवार आज के दौर में सोशल मीडिया (Social Media) युवा पीढ़ी की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, फेसबुक, स्नैपचैट और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स के बिना दिन अधूरा लगता है। लेकिन यह जरूरी है कि हम इसके असर को गहराई से समझें — क्योंकि सोशल मीडिया एक दोधारी तलवार है, जो सही इस्तेमाल पर फायदे देता है, और लत बन जाए तो नुकसान। सकारात्मक पहलू सोशल मीडिया के जरिए युवा न केवल दुनियाभर की जानकारी पाते हैं, बल्कि खुद को अभिव्यक्त भी कर पाते हैं। टैलेंट दिखाने के लिए इंस्टाग्राम रील्स या यूट्यूब चैनल एक बड़ा मंच बन गए हैं। इसके ज़रिए दोस्ती, नेटवर्किंग, ऑनलाइन पढ़ाई और करियर के नए मौके भी मिल रहे हैं। नकारात्मक प्रभाव हालांकि, इसका नकारात्मक पक्ष भी कम नहीं है। लगातार ऑनलाइन रहने से नींद की कमी, आंखों की समस्याएं और ध्यान की कमी जैसी दिक्कतें बढ़ रही हैं। लाइक्स और फॉलोअर्स की होड़ से आत्मसम्मान पर असर पड़ता है। किसी और की 'फिल्टर की हुई' ज़िंदगी देखकर अपनी असल ज़िंदगी से असंतुष्टि होने लगती है। मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव ...